Feisal Abdul Rauf: Lose your ego, find your compassion

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TED


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Translator: neelmani lal Reviewer: Anshul Tyagi
00:12
I'm speaking about compassion from an Islamic point of view,
0
12000
5000
मैं संवेदना के बारे में इस्लाम के दृष्टिकोण से बात कर रहा हूँ,
00:17
and perhaps my faith is not very well thought of
1
17000
3000
और शायद मेरे धर्म के बारे में ऐसा नहीं समझा जाता
00:20
as being one that is grounded in compassion.
2
20000
4000
कि संवेदना से गहरे जुड़ा हुआ है.
00:24
The truth of the matter is otherwise.
3
24000
2000
हालांकि सच्चाई कुछ अलग है
00:26
Our holy book, the Koran, consists of 114 chapters,
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26000
6000
हमारे धर्मग्रन्थ क़ुरान में ११४ अध्याय हैं
00:32
and each chapter begins with what we call the basmala,
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32000
4000
और हर अध्याय शुरू होता है उस शब्द से, जिसे हम कहते हैं बिस्मिल्लाह
00:36
the saying of "In the name of God, the all compassionate, the all merciful,"
6
36000
6000
जो कि ईश्वर के नाम में, जो संवेदनापूर्ण हैं, और दयालु हैं
00:42
or, as Sir Richard Burton --
7
42000
2000
या जैसा कि सर रिचर्ड बर्टन
00:44
not the Richard Burton who was married to Elizabeth Taylor,
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44000
3000
वो रिचर्ड बर्टन नहीं जिन्होंने एलिज़ाबेथ टेलर से शादी कि थी
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but the Sir Richard Burton who lived a century before that
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47000
3000
परन्तु वो सर रिचर्ड बर्टन जो उनसे १ शताब्दी पहले हुए थे
00:50
and who was a worldwide traveler
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50000
2000
और जिन्होंने पूरी दुनिया का भ्रमण किया था
00:52
and translator of many works of literature --
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52000
4000
और कई साहित्यों का अनुवाद किया था
00:56
translates it. "In the name of God, the compassionating, the compassionate."
12
56000
7000
वो उस शब्द का अनुवाद करते हैं " ईश्वर के नाम में, जो कि संवेदनशील और करुणापूर्ण हैं"
01:03
And in a saying of the Koran, which to Muslims is God speaking to humanity,
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63000
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और क़ुरान, जो कि मुसलमानों के लिए ईश्वर का मानवता को सन्देश है, उसकी एक कहावत में,
01:10
God says to his prophet Muhammad --
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70000
3000
ईश्वर अपने पैगंबर मुहम्मद से,
01:13
whom we believe to be the last of a series of prophets,
15
73000
3000
जिनको हम पैगम्बरों कि श्रृंखला में अंतिम मानते हैं
01:16
beginning with Adam, including Noah, including Moses, including Abraham,
16
76000
6000
उस श्रृंखला में जो आदम से शुरू हुई, और नूह, मूसा, इब्राहिम
01:22
including Jesus Christ, and ending with Muhammad --
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82000
4000
और यीशु मसीह भी शामिल है, और जो मोहम्मद के साथ समाप्त हुई
01:26
that, "We have not sent you, O Muhammad,
18
86000
3000
कहते हैं " ओह मोहम्मद, हमने आपको भेजा है
01:29
except as a 'rahmah,' except as a source of compassion to humanity."
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89000
6000
केवल दया, और मानवता के लिए संवेदना का स्रोत बना कर "
01:35
For us human beings, and certainly for us as Muslims,
20
95000
4000
और हम मनुष्यों के लिए, और निश्चित रूप से हम मुसलमानों के लिए ,
01:39
whose mission, and whose purpose in following the path of the prophet
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99000
5000
जिनका लक्ष्य और उद्देश्य, पैगम्बर के रास्ते पर चल कर
01:44
is to make ourselves as much like the prophet.
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104000
4000
अपने आप को पैगम्बर की तरह बनाना है
01:48
And the prophet, in one of his sayings, said,
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108000
2000
और पैगम्बर ने अपने एक कथन में कहा है
01:50
"Adorn yourselves with the attributes of God."
24
110000
5000
"अपने आप को परमेश्वर के गुणों से सजाओ".
01:55
And because God Himself said that the primary attribute of his is compassion --
25
115000
6000
और क्योंकि परमेश्वर ने खुद कहा है कि करुणा उनकी प्राथमिक गुण है ,
02:01
in fact, the Koran says that "God decreed upon himself compassion,"
26
121000
5000
वास्तव में, कुरान में कहा गया है कि, "ईश्वर ने खुद पर करुणा का नियम बनाया ,"
02:06
or, "reigned himself in by compassion" --
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126000
4000
या, "करुणा के राजत्व में रहे"
02:10
therefore, our objective and our mission must be to be sources of compassion,
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130000
7000
इसलिए, हमारा उद्देश्य और हमारा लक्ष्य करुणा का स्रोत
02:17
activators of compassion, actors of compassion
29
137000
4000
करुणा के उत्प्रेरक, करुणा के पात्र ,
02:21
and speakers of compassion and doers of compassion.
30
141000
4000
करुणा के वक्ता और करुणा के कर्ता बनना होना चाहिए.
02:25
That is all well and good,
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145000
3000
यह सब तो ठीक है,
02:28
but where do we go wrong,
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148000
3000
पर हम गलत कहाँ हो जाते हैं,
02:31
and what is the source of the lack of compassion in the world?
33
151000
5000
और दुनिया में करुणा की कमी का स्रोत क्या है?
02:36
For the answer to this, we turn to our spiritual path.
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156000
5000
इसका जवाब जानने के लिए, हमे मुड़ कर देखना होगा अपने आध्यात्मिक पथ की ओर
02:41
In every religious tradition, there is the outer path and the inner path,
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161000
7000
हर धार्मिक परंपरा में एक बाहरी और एक आंतरिक पथ होता हैं,
02:48
or the exoteric path and the esoteric path.
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168000
5000
या कहें की भीतर की चेतना और बाहर की चेतना का पथ
02:53
The esoteric path of Islam is more popularly known as Sufism, or "tasawwuf" in Arabic.
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173000
8000
भीतर की चेतना के पथ को इस्लाम में सूफ़ीवाद, या अरबी में तसव्वुफ़ कहा जाता है
03:01
And these doctors or these masters,
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181000
3000
और ये हकीम या ये गुरु,
03:04
these spiritual masters of the Sufi tradition,
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184000
4000
सूफी परंपरा के ये आध्यात्मिक गुरु,
03:08
refer to teachings and examples of our prophet
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188000
4000
हमारे पैगम्बर की शिक्षाओं और उदाहरणों को उद्धृत करते हैं,
03:12
that teach us where the source of our problems lies.
41
192000
4000
जो हमें सिखाता है कि हमारी समस्याओं का स्रोत कहाँ है,
03:16
In one of the battles that the prophet waged,
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196000
4000
पैगम्बर ने जो युद्ध लड़े उनमें से एक में,
03:20
he told his followers, "We are returning from the lesser war
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200000
5000
उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा, "हम छोटे युद्ध से लौट रहे हैं
03:25
to the greater war, to the greater battle."
44
205000
4000
एक बड़ी लड़ाई, एक बड़े युद्ध की ओर."
03:29
And they said, "Messenger of God, we are battle-weary.
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209000
5000
और उन्होंने कहा, " ईश्वर के सन्देश वाहक, हम युद्ध से थक चुके हैं,
03:34
How can we go to a greater battle?"
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214000
3000
हम एक बड़े युद्ध में कैसे जा सकते हैं?"
03:37
He said, "That is the battle of the self, the battle of the ego."
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217000
8000
उन्होंने कहा, "यह आत्म की लड़ाई है, अहंकार की लड़ाई है."
03:45
The sources of human problems have to do with egotism, "I."
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225000
9000
मनुष्य की समस्याओं के स्रोत का लेना देना अहंकारवाद से है. मैं.
03:54
The famous Sufi master Rumi, who is very well known to most of you,
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234000
6000
प्रख्यात सूफी गुरु रूमी, आप में से ज्यादातर जिसे अच्छी तरह जानते हैं.
04:00
has a story in which he talks of a man who goes to the house of a friend,
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240000
6000
की एक कहानी है जिसमे वह एक आदमी की बात करते हैं जो अपने एक दोस्त के घर जाता है
04:06
and he knocks on the door,
51
246000
3000
और दरवाज़ा खटखटाता है,
04:09
and a voice answers, "Who's there?"
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249000
3000
और एक आवाज़ जवाब देती है, " कौन है?"
04:12
"It's me," or, more grammatically correctly, "It is I,"
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252000
5000
"हम हैं", या व्याकरण के लिहाज से ज्यादा सही, "यह मैं हूँ."
04:17
as we might say in English.
54
257000
2000
जैसा कि हम अंग्रेजी में कह सकते हैं.
04:19
The voice says, "Go away."
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259000
3000
वह आवाज़ कहती है,"चले जाओ."
04:22
After many years of training, of disciplining, of search and struggle,
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262000
8000
कई वर्षों के प्रशिक्षण, अनुशासन, खोज और संघर्ष, के बाद,
04:30
he comes back.
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270000
2000
वह वापस आता है,
04:32
With much greater humility, he knocks again on the door.
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272000
4000
और काफी ज्यादा विनम्रता से फिर दरवाजा खटखटाता है
04:36
The voice asks, "Who is there?"
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276000
3000
वह आवाज़ पूछती हैं "कौन है वहां?"
04:39
He said, "It is you, O heartbreaker."
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279000
4000
वह कहता है, "ये तुम हो, ओ दिल तोड़ने वाले."
04:43
The door swings open, and the voice says,
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283000
4000
दरवाज़ा खुलता है और आवाज़ कहती है,
04:47
"Come in, for there is no room in this house for two I's,"
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287000
7000
"अन्दर आ जाओ, क्योंकि इस घर में दो 'मैं' के लिए जगह नहीं है.
04:54
-- two capital I's, not these eyes -- "for two egos."
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294000
4000
दो बड़े मैं, ये आँखें नहीं, बल्कि दो अहंकार.
04:58
And Rumi's stories are metaphors for the spiritual path.
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298000
9000
और रूमी की कहानियां आध्यात्म के मार्ग की उपमा हैं.
05:07
In the presence of God, there is no room for more than one "I,"
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307000
6000
ईश्वर की उपस्थिति में एक से ज्यादा मैं की जगह नहीं.
05:13
and that is the "I" of divinity.
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313000
5000
और यह मैं देवत्व का है.
05:18
In a teaching -- called a "hadith qudsi" in our tradition --
67
318000
4000
हमारी परंपरा में एक शिक्षा जिसे हदीस ख़ुदसी कहते हैं,
05:22
God says that, "My servant," or "My creature, my human creature,
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322000
6000
ईश्वर कहते है, "मेरे सेवक", या "मेरे जीव, मेरे मानव जीव,
05:28
does not approach me by anything that is dearer to me
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328000
6000
जो मुझे प्यारा है उसके सहारे मेरे पास नहीं आता
05:34
than what I have asked them to do."
70
334000
3000
बल्कि उसके सहारे जो मैंने करने को कहा है
05:37
And those of you who are employers know exactly what I mean.
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337000
4000
और आप में से जो नियोक्ता हैं, वे अच्छी तरह जानते हैं की मैं क्या कहना चाहता हूँ
05:41
You want your employees to do what you ask them to do,
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341000
4000
आप चाहते हो कि आपके कर्मचारी वह ही करें जो आपने उनसे करने को कहा है,
05:45
and if they've done that, then they can do extra.
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345000
2000
और अगर उन्होंने वह कर लिया तो वे और ज्यादा कर सकते हैं,
05:47
But don't ignore what you've asked them to do.
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347000
3000
लेकिन उसे नज़रंदाज़ मत करना कि तुमने उनसे क्या करने को कहा है,
05:50
"And," God says, "my servant continues to get nearer to me,
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350000
6000
और ईश्वर कहते है, मेरे सेवक मेरे और करीब होते जाते हैं,
05:56
by doing more of what I've asked them to do" --
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356000
3000
मैंने जो उनसे करने को कहा है, उससे ज्यादा कुछ करके,
05:59
extra credit, we might call it --
77
359000
2000
हम उसे कुछ ज्यादा साख कह सकते हैं,
06:01
"until I love him or love her.
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361000
4000
जब तक मैं उसको प्यार नहीं करता,
06:05
And when I love my servant," God says,
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365000
3000
और जब मैं अपने सेवकों को प्यार करता हूँ", ईश्वर कहते हैं,
06:08
"I become the eyes by which he or she sees,
80
368000
6000
मैं वो आँखें बन जाता हूँ, जिनसे वह देखते हैं.
06:14
the ears by which he or she listens,
81
374000
6000
कान जिनसे वह सुनते हैं.
06:20
the hand by which he or she grasps,
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380000
5000
हाथ जिससे वह पकड़ते हैं.
06:25
and the foot by which he or she walks,
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385000
4000
पैर जिससे वह चलते हैं.
06:29
and the heart by which he or she understands."
84
389000
5000
और दिल जिससे वह समझता या समझती हैं."
06:34
It is this merging of our self with divinity
85
394000
5000
यह हमारे अहम् और देवत्व का वह समामेलन है.
06:39
that is the lesson and purpose of our spiritual path and all of our faith traditions.
86
399000
8000
यह हमारे अध्यात्मिक मार्ग और हमारी सभी धार्मिक परम्पराओं का उद्देश्य और सबक है.
06:47
Muslims regard Jesus as the master of Sufism,
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407000
6000
मुसलमान यीशु को सूफीवाद का गुरु मानते हैं,
06:53
the greatest prophet and messenger who came to emphasize the spiritual path.
88
413000
7000
महानतम पैगम्बर और संदेशवाहक जो आध्यात्मिक मार्ग पर जोर देने आया.
07:00
When he says, "I am the spirit, and I am the way,"
89
420000
4000
जब वह कहता है, " मैं आत्मा हूँ, मैं रास्ता हूँ."
07:04
and when the prophet Muhammad said, "Whoever has seen me has seen God,"
90
424000
5000
जब पैगम्बर मोहम्मद कहते हैं, "'जिसने मुझे देखा है उसने ईश्वर को देख लिया,"
07:09
it is because they became so much an instrument of God,
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429000
5000
ऐसा इस लिए क्यों कि वे ईश्वर के पुर्जे बन गए,
07:14
they became part of God's team --
92
434000
2000
वे ईश्वर की वाष्प का हिस्सा बन गए,
07:16
so that God's will was manifest through them,
93
436000
4000
ताकि ईश्वर की इच्छा उनके जरिये फ़ैली
07:20
and they were not acting from their own selves and their own egos.
94
440000
4000
अपने स्व और अहम् के जरिये काम नहीं किया.
07:24
Compassion on earth is given, it is in us.
95
444000
7000
धरती पर मानवीयता दी गयी है, यह हममें है.
07:31
All we have to do is to get our egos out of the way,
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451000
5000
हमें बस यही करना है कि रास्ते से अपने अहम् हटा देना है,
07:36
get our egotism out of the way.
97
456000
3000
अपने अहंकरवाद रास्ते से हटा देना है.
07:39
I'm sure, probably all of you here, or certainly the very vast majority of you,
98
459000
8000
में निश्चित हूँ कि यहाँ मौजूद आप में से संभवतः सभी, या निश्चित ही आप में से बहुसंख्य,
07:47
have had what you might call a spiritual experience,
99
467000
4000
को हुआ होगा, जिसे आप आध्यात्मिक अनुभव कहते हैं,
07:51
a moment in your lives when, for a few seconds, a minute perhaps,
100
471000
7000
आपके जीवन में एक लम्हा, जब कुछ सेकंडों या शायद एक मिनट को,
07:58
the boundaries of your ego dissolved.
101
478000
6000
आपके अहम् की सीमायें ख़त्म हो गयीं,.
08:04
And at that minute, you felt at one with the universe --
102
484000
7000
और उस मिनट आपने खुद को ब्रह्माण्ड का हिस्सा महसूस किया,
08:11
one with that jug of water, one with every human being,
103
491000
6000
उस पानी से भरे जग में, हर एक इन्सान में,
08:17
one with the Creator --
104
497000
4000
परम पिता में,
08:21
and you felt you were in the presence of power, of awe,
105
501000
5000
और तुमने स्वयं को शक्ति, विस्मय के सानिध्य में पाया,
08:26
of the deepest love, the deepest sense of compassion and mercy
106
506000
4000
सबसे गहरे प्यार, संवेदना और दया की सबसे गहरी भावना में
08:30
that you have ever experienced in your lives.
107
510000
4000
जो तुमने अपनी जिंदगी में कभी महसूस किया है
08:34
That is a moment which is a gift of God to us --
108
514000
6000
ये वह लम्हा है जो ईश्वर का हमें तोहफा है,
08:40
a gift when, for a moment, he lifts that boundary
109
520000
4000
एक तोहफा जब एक लम्हे के लिए वह सीमा हटा देता है,
08:44
which makes us insist on "I, I, I, me, me, me,"
110
524000
6000
जो हमें मैं, मैं, मैं, हम, हम हम पर जोर देने देता है,
08:50
and instead, like the person in Rumi's story,
111
530000
4000
और इसके विपरीत, रूमी की कहानी के व्यक्ति की तरह,
08:54
we say, "Oh, this is all you.
112
534000
6000
हम कहते हैं, ' ओह, ये सब तुम हो. '
09:00
This is all you. And this is all us.
113
540000
2000
यह सब तुम हो, यह हम सब हैं.
09:02
And us, and I, and us are all part of you.
114
542000
6000
और हम, और मैं, हम सब तुम्हारे अंश हैं,
09:08
O, Creator! O, the Objective! The source of our being
115
548000
6000
सब निर्माता, सब उद्देश्य, हमारे अस्तित्व का स्रोत,
09:14
and the end of our journey,
116
554000
2000
और हमारी यात्रा का अंत.
09:16
you are also the breaker of our hearts.
117
556000
5000
तुम हमारे दिलों को तोड़ने वाले भी हो.
09:21
You are the one whom we should all be towards, for whose purpose we live,
118
561000
6000
तुम वो हो जिसकी ओर हम सबको होना चाहिए, जो हमारे जीने का कारण होना चाहिए,
09:27
and for whose purpose we shall die,
119
567000
4000
और जिसके लिए हमें मरना चाहिए,
09:31
and for whose purpose we shall be resurrected again
120
571000
4000
औए जिसके लिए हमें पुनर्जन्म लेना चाहिए.
09:35
to account to God to what extent we have been compassionate beings."
121
575000
7000
ईश्वर को जवाब देने के लिए कि हम संवेदनशील रहे हैं.
09:42
Our message today, and our purpose today,
122
582000
4000
आज हमारा सन्देश, और आज हमारा उद्देश्य,
09:46
and those of you who are here today,
123
586000
3000
और तुममे में से जो आज यहाँ हैं,
09:49
and the purpose of this charter of compassion, is to remind.
124
589000
5000
और संवेदना के इस अधिकारपत्र का उद्देश्य याद दिलाना है.
09:54
For the Koran always urges us to remember, to remind each other,
125
594000
8000
क्योंकि कुरान हमेशा हमें याद रखने को, एक दूसरे को याद दिलाने को कहती है,
10:02
because the knowledge of truth is within every human being.
126
602000
8000
क्योंकि सत्य का ज्ञान हर एक इंसान के भीतर है.
10:10
We know it all.
127
610000
3000
हम यह सब जानते हैं.
10:13
We have access to it all.
128
613000
2000
हमारे पास इसका जरिया है.
10:15
Jung may have called it "the subconscious."
129
615000
4000
जंग इसे अवचेतना कह सकते थे.
10:19
Through our subconscious, in your dreams --
130
619000
4000
हमारी अवचेतना के जरिये, तुम्हारे ख्वाबों में,
10:23
the Koran calls our state of sleep "the lesser death,"
131
623000
8000
जिसे कुरान कहती है, हमारी निद्रा की स्थिति, अल्प मौत,
10:31
"the temporary death" --
132
631000
4000
अस्थाई मौत.
10:35
in our state of sleep we have dreams, we have visions,
133
635000
5000
अपनी निद्रा की स्थिति में हमें स्वप्न आते हैं, हमें आभास होता है,
10:40
we travel even outside of our bodies, for many of us,
134
640000
6000
हम अपने शरीर के बाहर यात्रा करते हैं, हममे से बहुत,
10:46
and we see wonderful things.
135
646000
3000
और हम अद्भुत चीजें देखते हैं.
10:49
We travel beyond the limitations of space as we know it,
136
649000
5000
हम जैसा अंतरिक्ष जानते हैं, उसकी सीमाओं के परे यात्रा करते हैं,
10:54
and beyond the limitations of time as we know it.
137
654000
4000
हम समय की जो सीमायें जानते हैं उसके परे.
10:58
But all this is for us to glorify the name of the creator
138
658000
10000
लेकिन यह सब हमारे लिए विधाता के नाम का गुणगान करने के लिए है
11:08
whose primary name is the compassionating, the compassionate.
139
668000
6000
जिसका मूल नाम दयावान, दयालु है.
11:14
God, Bokh, whatever name you want to call him with, Allah, Ram, Om,
140
674000
7000
गौड, बोख, चाहे जिस नाम से पुकारो, अल्ला, राम, ॐ,
11:21
whatever the name might be through which you name
141
681000
3000
नाम कोई भी हो सकता है जिससे तुम नाम देते हो
11:24
or access the presence of divinity,
142
684000
4000
या देवत्व की मौजूदगी प्राप्त करते हो,
11:28
it is the locus of absolute being,
143
688000
6000
पूर्ण तत्व का केंद्र बिंदु है.
11:34
absolute love and mercy and compassion,
144
694000
4000
पूर्ण प्रेम और दया और संवेदना,
11:38
and absolute knowledge and wisdom,
145
698000
3000
और पूर्ण ज्ञान और विवेक,
11:41
what Hindus call "satchidananda."
146
701000
3000
जिसे हिन्दू सच्चिनंद कहते हैं.
11:44
The language differs,
147
704000
3000
भाषा अलग है,
11:47
but the objective is the same.
148
707000
4000
पर उद्देश्य समान है.
11:51
Rumi has another story
149
711000
2000
रूमी के पास एक और कहानी है
11:53
about three men, a Turk, an Arab and --
150
713000
3000
तीन लोगों के बारे में, एक तुर्क, एक अरब,
11:56
and I forget the third person, but for my sake, it could be a Malay.
151
716000
4000
और मैं तीसरे का नाम भूल गया, पर मेरे वास्ते, वह एक मलय हो सकता है.
12:00
One is asking for angur -- one is, say, an Englishman --
152
720000
3000
कोई अंगूर मांग रहा है, जैसे कि एक अंग्रेज़,
12:03
one is asking for eneb, and one is asking for grapes.
153
723000
5000
कोई एनेब मांग रहा है और कोई ग्रेप्स मांग रहा है.
12:08
And they have a fight and an argument because
154
728000
3000
और उनमें झगडा और बहस होती है क्योंकि,
12:11
-- "I want grapes." "I want eneb. "I want angur." --
155
731000
4000
मुझे ग्रेप्स चाहिए, मुझे एनेब चाहिए, मुझे अंगूर चाहिए,
12:15
not knowing that the word that they're using
156
735000
3000
यह जाने बगैर कि जिस शब्द का वह इस्तेमाल कर रहे हैं
12:18
refers to the same reality in different languages.
157
738000
3000
वह एक ही सच्चाई को अलग अलग भाषाओँ में बताता है.
12:21
There's only one absolute reality by definition,
158
741000
6000
परिभाषा के अनुसार सिर्फ एक ही पूर्ण सच्चाई है,
12:27
one absolute being by definition,
159
747000
3000
परिभाषा के अनुसार एक पूर्ण अस्तित्व है,
12:30
because absolute is, by definition, single,
160
750000
3000
क्योंकि परिभाषा के अनुसार पूर्ण, एकल है,
12:33
and absolute and singular.
161
753000
3000
और पूर्ण और एकल,.
12:36
There's this absolute concentration of being,
162
756000
3000
यह अस्तित्व का पूर्ण केन्द्रीकरण है,
12:39
the absolute concentration of consciousness,
163
759000
3000
अवचेतना का पूर्ण केन्द्रीकरण है,
12:42
awareness, an absolute locus of compassion and love
164
762000
10000
जागरूकता, संवेदना और प्रेम का पूर्ण केन्द्रीकरण
12:52
that defines the primary attributes of divinity.
165
772000
4000
जो देवत्व के मूल भाव को पारिभाषित करता है.
12:56
And these should also be
166
776000
3000
और वह होना भी चाहिए
12:59
the primary attributes of what it means to be human.
167
779000
5000
इन्सान होने का जो मतलब है, उसका मूल भाव.
13:04
For what defines humanity, perhaps biologically,
168
784000
6000
जो इंसानियत को पारिभाषित करता है, शायद शारीरिक रूप से,
13:10
is our physiology,
169
790000
3000
हमारा जीवतत्व है,
13:13
but God defines humanity by our spirituality, by our nature.
170
793000
8000
लेकिन ईश्वर हमारी इंसानियत को हमारे अध्यात्म से, हमारी प्रकृति से पारिभाषित करता है.
13:21
And the Koran says, He speaks to the angels and says,
171
801000
4000
और कुरान कहती है, वह फरिश्तों से बात करता है और कहता है,
13:25
"When I have finished the formation of Adam from clay,
172
805000
4000
जब मैंने मिट्टी से आदम का निर्माण पूरा कर लिया,
13:29
and breathed into him of my spirit,
173
809000
4000
और अपनी आत्मा से उसमें सांस फूंकी,
13:33
then, fall in prostration to him."
174
813000
4000
और उसके सामने साष्टांग गिर गया. "
13:37
The angels prostrate, not before the human body,
175
817000
8000
फ़रिश्ते साष्टांग होते हैं, लेकिन मानव शारीर के समक्ष नहीं,
13:45
but before the human soul.
176
825000
3000
बल्कि मानव आत्मा के समक्ष.
13:48
Why? Because the soul, the human soul,
177
828000
4000
क्यों? क्योंकि आत्मा, मानव आत्मा,
13:52
embodies a piece of the divine breath,
178
832000
6000
दैवी श्वास के एक हिस्से का मूर्त रूप है,
13:58
a piece of the divine soul.
179
838000
3000
दैवी आत्मा का एक टुकड़ा है .
14:01
This is also expressed in biblical vocabulary
180
841000
5000
यह बाईबिल के कोष में भी वर्णित है
14:06
when we are taught that we were created in the divine image.
181
846000
6000
जब हमें यह सिखाया जाता है कि हम दैवी तस्वीर में बनाये गए थे.
14:12
What is the imagery of God?
182
852000
2000
ईश्वर का चित्र क्या है?
14:14
The imagery of God is absolute being,
183
854000
4000
ईश्वर का चित्र पूर्ण अस्तित्व है.
14:18
absolute awareness and knowledge and wisdom
184
858000
3000
पूर्ण जागरूकता, ज्ञान और विवेक
14:21
and absolute compassion and love.
185
861000
3000
और पूर्ण संवेदना और प्रेम.
14:24
And therefore, for us to be human --
186
864000
4000
और, इसलिए, हमें इन्सान होने के लिए,
14:28
in the greatest sense of what it means to be human,
187
868000
4000
इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे बड़े मायने में,
14:32
in the most joyful sense of what it means to be human --
188
872000
3000
इन्सान होने का क्या मतलब है इसके सबसे खुशनुमा मायने में,
14:35
means that we too have to be proper stewards
189
875000
6000
मतलब यह है कि हमें उचित कारिन्दा होना पड़ेगा
14:41
of the breath of divinity within us,
190
881000
4000
हमारे भीतर जो दैवी श्वास है उसका,
14:45
and seek to perfect within ourselves the attribute of being,
191
885000
5000
और हमारे भीतर अस्तित्व के भाव के साथ परिपूर्ण होने के प्रयास,
14:50
of being alive, of beingness;
192
890000
3000
जीवित होने के, अस्तित्व के,
14:53
the attribute of wisdom, of consciousness, of awareness;
193
893000
5000
विवेक के भाव, चेतना के, जागरूकता के,
14:58
and the attribute of being compassionate and loving beings.
194
898000
5000
और भाव संवेदनशील होने का, प्रेम भरा होने का.
15:03
This is what I understand from my faith tradition,
195
903000
6000
यही है वह जो मैं अपने धर्म की परम्पराओं से समझता हूँ,
15:09
and this is what I understand from my studies of other faith traditions,
196
909000
7000
यही है वह जो मैं दूसरे धर्म की परम्पराओं के अपने अध्धयन से समझता हूँ,
15:16
and this is the common platform on which we must all stand,
197
916000
6000
और यह एक समान मंच है जिस पर हम सबको जरूर खड़े होना चाहिए,
15:22
and when we stand on this platform as such,
198
922000
3000
और इस मंच पर जब हम ऐसे खड़े होंगे,
15:25
I am convinced that we can make a wonderful world.
199
925000
6000
मुझे यकीन है कि हम एक अद्भुत दुनिया बना सकते हैं.
15:31
And I believe, personally, that we're on the verge
200
931000
6000
और मुझे व्यक्तिगत तौर पर विश्वास है कि हम कगार पर हैं,
15:37
and that, with the presence and help of people like you here,
201
937000
4000
कि आप जैसे लोग जो यहाँ हैं उनकी उपस्थिति और मदद से,
15:41
we can bring about the prophecy of Isaiah.
202
941000
6000
हम ईसा की भविष्यवाणी को सच बना सकते हैं.
15:47
For he foretold of a period
203
947000
4000
क्यों कि उसने एक समय के बारे में बताया था
15:51
when people shall transform their swords into plowshares
204
951000
7000
जब लोग अपनी तलवारों को हल के फल में बदल देंगे
15:58
and will not learn war or make war anymore.
205
958000
6000
और न युध्द सीखेंगे और न और कभी युध्द करेंगे.
16:04
We have reached a stage in human history that we have no option:
206
964000
6000
हम मानव इतिहास में ऐसे मुकाम पर पहुँच गए हैं, जब हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.
16:10
we must, we must lower our egos,
207
970000
9000
हमें जरूर, जरूर ही अपने अहम् को गिराना होगा,
16:19
control our egos -- whether it is individual ego, personal ego,
208
979000
5000
हमारे अहम् पर नियंत्रण, चाहे वह एक का अहम् हो, व्यक्तिगत अहम् हो,
16:24
family ego, national ego --
209
984000
6000
परिवार का अहम्, राष्ट्र का अहम्,
16:30
and let all be for the glorification of the one.
210
990000
5000
और सब परमेश्वर के गुणगान में जुटें,
16:35
Thank you, and God bless you.
211
995000
2000
धन्यवाद्, ईश्वर आपको आशीर्वाद दे.
16:37
(Applause)
212
997000
1000
(तालियों की ध्वनि)
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